
क्या आपने कभी सोचा है कि जिस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बारे में आज हर जगह बात हो रही है उसे असल में इस्तेमाल करना कितने लोग जानते हैं?
AI हमारी ज़िंदगी के हर पहलू में घुस चुका है मोबाइल, ऑफिस, पढ़ाई, हेल्थ और यहां तक कि क्रिएटिव फील्ड्स में भी। लेकिन क्या वाकई हर कोई इसका सही इस्तेमाल करना जानता है?
आइए, इस सवाल का जवाब ढूंढते हैं, डेटा, हकीकत और इंसानी नज़रिए से।
अभी दुनिया में कितने लोग AI का इस्तेमाल करते हैं?
कुछ हालिया रिपोर्ट्स और सर्वे (2024-2025) के अनुसार:
दुनिया की लगभग 65% आबादी स्मार्टफोन यूज़ करती है।
लेकिन इनमें से केवल 12%–15% लोग ही AI टूल्स (जैसे ChatGPT, DALL·E, Midjourney, Bard, आदि) का सक्रिय रूप से इस्तेमाल करना जानते हैं।
जबकि करीब 30% लोग AI से जुड़े फीचर्स का अनजाने में इस्तेमाल करते हैं – जैसे कि गूगल मैप्स का स्मार्ट रूट, यूट्यूब की रिकमेंडेशन, या फेस अनलॉक आदि के बारे में।
यानि कि केवल 10 में से 1 व्यक्ति ही सच में AI का मतलब, उपयोग और उसकी ताकत को समझते हैं।
सिर्फ AI सुन लेना और उसका इस्तेमाल जानना – दोनों में फर्क है
आजकल लगभग हर इंसान ने AI का नाम तो सुन रखा है, लेकिन इसे समझना और सही तरीके से इस्तेमाल करना इन दोनों में बिल्कुल अलग बातें हैं। बहुत से लोग AI को केवल एक ट्रेंड या तकनीकी शब्द मानते हैं, जबकि असलियत में यह एक ऐसा टूल है जो आपकी पढ़ाई, काम, और रचनात्मकता में क्रांति ला सकता है। उदाहरण के तौर पर, ChatGPT को सिर्फ एक चैटबॉट मान लिया जाता है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इससे रिसर्च, रिपोर्ट, कंटेंट राइटिंग, स्क्रिप्टिंग, और यहां तक कि बिज़नेस ऑटोमेशन भी किया जा सकता है। यही फर्क है AI को बस सुन लेने और उसके असली इस्तेमाल को जानने में।
इसका मतलब ये है कि AI हमारे आसपास है, लेकिन उसका सही इस्तेमाल एक स्किल बन चुका है – जिसे बहुत कम लोग जानते हैं।
AI के इस्तेमाल की जानकारी क्षेत्र और उम्र के अनुसार
शहरी बनाम ग्रामीण इलाकों में:
शहरों में रहने वाले लगभग 20–25% लोग AI टूल्स का बेसिक इस्तेमाल करना जानते हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में यह प्रतिशत 5% से भी कम है।
उम्र के अनुसार:
- 18–30 साल: सबसे जागरूक, लेकिन प्रयोग सीमित है।
- 30–45 साल: AI के बारे में जानते तो हैं, लेकिन डरते हैं।
- 45+ उम्र: अभी भी AI को समझने में झिझक।
लोग क्यों नहीं जानते AI का इस्तेमाल?
- भाषा की बाधा – ज्यादातर AI टूल अंग्रेज़ी में होते हैं
- तकनीकी डर – लोग सोचते हैं कि इसके लिए कोडिंग ज़रूरी है
- सही जानकारी की कमी – स्कूल, कॉलेज और इंटरनेट पर इसकी सीखना अभी आम नहीं है
- गलतफहमियां – कुछ लोग AI को केवल रोबोट या खतरा मानते हैं

क्यों ज़रूरी है आज हर इंसान के लिए AI को समझना?
आज की दुनिया AI लिटरेसी (AI साक्षरता) की मांग कर रही है।
अगर आपको पता नहीं कि AI से क्या-क्या हो सकता है, तो आप एक ऐसी क्रांति को मिस कर रहे हैं जो आपके जीवन और करियर को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती है।
जैसे अगर आप एक स्टूडेंट है तो स्ट्डीज, नोट्स, प्रोजेक्ट बनाना आदि के क्षेत्र में करियर बनाने से वांछित हैं
वहीं अगर आप वर्किंग प्रोफेशनल्स हैं तो रिपोर्ट, ईमेल, डेटा विश्लेषण इन कामों में AI नहीं आने से पीछे छूट रहे हैं
जबकि बिजनेस ओनर्स ऑटोमेशन, कस्टमर सर्विस, मार्केटिंग आदि में अपना एक्स्ट्रा पैसा खर्च कर रहे हैं एआई नहीं आने की वजह से
वहीं अगर आप एक क्रिएटर्स हैं AI वीडियो, AI म्यूजिक, कंटेंट आइडियाज जैसे नई टेक्नोलॉजी में पीछे हैं
तो आगे क्या करें?
अगर आप भी चाहते हैं कि आप उन 12% लोगों में शामिल हों जो AI का सही इस्तेमाल जानते हैं, तो:
- हर दिन ChatGPT जैसे टूल्स से बातचीत करें – पूछें, सीखें, दोहराएं
- AI से जुड़ी हिंदी में जानकारी पढ़ें – जिससे डर दूर हो
- छोटे-छोटे प्रयोग करें – जैसे “AI से सोशल मीडिया कैप्शन बनाना”, “AI से रेज़्यूमे तैयार करना”
- AI लर्निंग कोर्सेस करें – जैसे Google, OpenAI, Microsoft द्वारा बनाए गए फ्री कोर्सेस
AI जानना अब विकल्प नहीं, ज़रूरत है
आज के समय में AI जानना वैसा ही है, जैसे 2000 के दशक में इंटरनेट चलाना सीखना था।
अगर आप पीछे रह गए, तो आपकी नौकरी, आपकी क्रिएटिविटी और आपकी सोच – सब धीमी हो जाएगी।
FAQs – दुनिया और AI यूज़ से जुड़े कुछ ज़रूरी सवाल
Q. क्या भारत में लोग AI का इस्तेमाल जानते हैं?
बहुत कम लोग। शहरों में 20% और ग्रामीण इलाकों में 5% से भी कम लोग AI को सही मायने में समझते हैं।
Q. क्या AI का इस्तेमाल करना मुश्किल है?
नहीं, अगर आप ChatGPT जैसे टूल्स को रोज़ 10-15 मिनट इस्तेमाल करें, तो सब आसान लगने लगता है।
Q. क्या AI से पैसा कमाया जा सकता है?
बिलकुल! AI से content writing, video creation, freelancing, automation जैसे कई रास्तों से इनकम की जा सकती है।
निष्कर्ष में दो बातें याद रखें:
- AI जानना अब लग्ज़री नहीं, ज़रूरत है
- आज आप जितना जल्दी सीखेंगे, उतनी जल्दी आगे बढ़ेंगे
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